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Sunday, September 8, 2013

आने वाले कल की ये तस्वीर हैं




नेहरू जी बच्चों को बहुत प्यार करते थे ! इतना अधिक कि उनका जन्मदिन भी बाल दिवस के रूप में मनाया जाता था ! जन्मदिन मनाने की परम्परा आज भी उतनी ही पाबंदी से कायम है ! लेकिन उनकी विरासत सम्हालने वालों ने कितनी पाबंदी के साथ देश के बच्चों का ध्यान रखा है और उनके साथ न्याय किया है उसकी कुछ तस्वीरें आपको दिखाना चाहती हूँ ! नेहरू जी का स्वर्गवास हुए लगभग पचास साल होने को आये हैं लेकिन हमारे नेताओं के तमाम दावों के बाद भी देश की एक बहुत बड़ी आबादी के बच्चों की तकदीर में कोई बदलाव नहीं आया है !
ये बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं ! हमारे आने वाले कल की ये तस्वीर हैं ! अद्यतन सर्वे के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का २२% हिस्सा भुखमरी के कगार पर है जिन्हें हम अपनी सुविधा के अनुसार गरीबी की रेखा से नीचे ( बी. पी. एल. ) के नाम से संबोधित करते हैं क्योंकि हमारी अंतरात्मा को शायद ‘भुखमरी’ शब्द के उच्चारण से शर्म आती है ! जनसंख्या का २५% वह हिस्सा है जो संपन्न है और जो उन सभी सुविधाओं का उपभोग कर पाता है जो दिश्व के अन्य विकसित देशों के लोगों के पास उपलब्ध हैं ! इसके अलावा भारत की जनता का बचा हुआ ५३% हिस्सा है तो गरीब ही ! चाहे हम उसे हम अपनी समझ के अनुसार कितनी ही श्रेणियों में बाँट लें !
असल में गरीबी और अमीरी तुलनात्मक ही होती है ! उदाहरण के लिये ऑफिस का चपरासी हमारी काम वाली बाई से अमीर है लेकिन अपने अधिकारी से गरीब है ! हमारी काम वाली बाई शायद पटरी पर सोने वाले परिवारों से अमीर है और जिसके पास सोने के लिये पटरी भी नहीं है उससे नीचे की भी कई श्रेणियाँ हैं !
नीचे दिए गये चित्र भारत की गरीबी के विभिन्न आयामों को दिखाते हैं जो वैसे तो मन को दुखी कर जाते हैं परन्तु हमको झकझोर कर जगाने में भी पर्याप्त रूप से सक्षम हैं ! आम चुनाव दूर नहीं हैं ! हमें क्या करना है यह अभी ही सोचना होगा ! 

साधना  वैद














सभी चित्र गूगल के सौजन्य से साभार ....


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