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Saturday, May 10, 2014

माँ...... एक भावांजलि


मातृदिवस पर संसार की हर माँ एवं हर संतान के लिये हार्दिक शुभकामनायें !



माँ का आँचल
 जीवन की धूप में
जैसे बादल !

दुःखों ने घेरा
सुखों ने मुँह फेरा 
माँ याद आई !

बेटी के आँसू
झरना बन बहे
माँ की आँखों से !

याद आती है
निंद्राहीन रातों में
माँ की थपकी !

अम्मा की लोरी
गूँजती है कानों में
सालों बाद भी !

झुर्रियाँ तेरी
माँ, तेरे संघर्ष की
अनंत गाथा !

 सारे सितारे
झोली में आ गिरे जो
माँ ने दुलारा !

मैं अकिंचन
कैसे उतारूँ क़र्ज़
तेरे प्यार का !

जो कहानियाँ
सुनाईं थीं तूने माँ
सीख दे गयीं !

अस्थि मज्जा से  
तन गढ़ा, आत्मा को
दिये संस्कार !

शिक्षा से तेरी
परिष्कृत होती माँ
अगली पीढ़ी !

स्पर्श है तेरा 
दर्द निवारक, माँ
धनवंतरी !

  माँ तेरी बातें  
बचपन की यादें
आँसू ले आयें !

स्वप्न में खोई
आँचल की छाँव में
सुख से सोई !

याद रहेगी
जब तक हैं साँसें
 ममता तेरी ! 

सारे जग में
तुझसा हितैषी माँ
कोई ना मिला !

कोटि प्रणाम
कृतज्ञ ह्रदय के
स्वीकारो माँ !




साधना वैद 

चित्र  - गूगल से साभार




1 comment :

  1. बहुत छू गए मन को ये प्यारे से हाइकु |बचपन की याद दिला गए |

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